आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के फायदे:
अगर आपकी टैक्सेबल आय कम है और TDS कट गया है, तो ITR भरकर आप टैक्स रिफंड क्लेम कर सकते हैं। ITR फाइल करने के बाद, टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड प्रोसेस करता है अगर कोई रिफंड बनता है।
आय का प्रमाण:
ITR एक सरकारी दस्तावेज है जो आपकी सालाना आय को प्रमाणित करता है। इससे क्रेडिट कार्ड या लोन प्राप्त करना आसान हो जाता है और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री भी सुधरती है।
वीजा प्राप्ति में सहारा:
विदेश यात्रा के लिए वीजा आवेदन करते समय, वीजा अथॉरिटीज आमतौर पर पिछले 3-5 वर्षों का ITR मांगती हैं। यह आपके फाइनेंशियल स्टेटस को प्रमाणित करता है।
पते का प्रमाण:
मैन्युअल ITR भरने पर इसकी रसीद आपके रजिस्टर्ड पते पर भेजी जाती है, जिसे एड्रेस प्रूफ के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
इंश्योरेंस कवर के लिए आवश्यक:
इंश्योरेंस कंपनियां ज्यादा कवर या बड़े टर्म प्लान के लिए आपकी आय का प्रमाण मांगती हैं। ITR आपके आय स्रोत और भुगतान क्षमता की जांच में मदद करता है।
स्टॉक या म्यूचुअल फंड के घाटे का समायोजन:
यदि आप स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और घाटा होता है, तो ITR के जरिए आप इस घाटे को अगले साल के लाभ से समायोजित कर सकते हैं और टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
बिजनेस या कॉन्ट्रैक्ट के लिए आवश्यक:
अगर आप नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या किसी सरकारी विभाग से कॉन्ट्रैक्ट लेना चाहते हैं, तो पिछले 5 वर्षों का ITR आवश्यक होता है।
लोन प्राप्ति के लिए जरूरी:
होम लोन या किसी अन्य लोन के लिए आपकी आय का प्रमाण जरूरी होता है। बैंक आमतौर पर 3 वर्षों का ITR मांगते हैं, और नियमित ITR फाइल करने से लोन मिलना आसान हो जाता है।
टैक्स रिफंड प्राप्ति: