रक्षाबंधन का पर्व: रक्षाबंधन इस वर्ष सोमवार, 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त: रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार भद्रा रहित अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा में मनाना शास्त्रीय विधान है।
भद्रा काल: इस वर्ष 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक भद्रा का निवास पाताल लोक में रहेगा।
शुभ समय: दोपहर 1 बजकर 31 मिनट के बाद भद्रा समाप्त होने पर रक्षाबंधन का शुभ कार्य करना प्रशस्त होगा।
भद्रा का महत्व: भद्रा काल को हमारे शास्त्रों ने अशुभ और त्याज्य माना है, और रक्षाबंधन के लिए भद्रा काल का विशेष विचार किया जाता है।
पंजाब, हरियाणा, जम्मू में प्रचलित रिवाज: कुछ स्थानों पर लोग प्रातःकाल से ही रक्षाबंधन मनाते हैं, जो शास्त्र सम्मत नहीं है।
धर्मशास्त्र का विधान: केवल अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में भद्रा मुख काल को छोड़कर, भद्रा पुच्छ काल में रक्षाबंधन करने की अनुमति दी गई है।
भविष्य पुराण का श्लोक: “पुच्छे जयावहाः मुखे कार्य विनाशाय” का अर्थ है कि भद्रा के पुच्छ काल में किए गए कार्य से विजय प्राप्त होती है, जबकि मुख काल में कार्य का नाश होता है।
भद्रा के तीन लोकों में निवास: भद्रा स्वर्गलोक में शुभफलदायक, पाताल लोक में धन संचय कारक, और मृत्युलोक (पृथ्वी) में विनाशक होती है।